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कमल किशोर जैन

सोचा था की हर लम्हा जिन्दगी का गुजरेगा तेरे ही संग
अब तेरे बिना जीना गर जिंदगी है तो हाँ जिंदा हूँ मैं...


कभी सोचा भी न था की जीना पड़ेगा बिन तेरे
अब तुझ बिन जीने की सोचना गर जिंदगी है तो हाँ जिंदा हूँ मैं...


गर सिर्फ सांसों का चलना भर जिंदगी है...
तो हाँ.. जिंदा हूँ मैं....




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