कमल किशोर जैन
बहुत प्रसिद्द कविता है सुनील जोगी जी की, उसी की तर्ज पर ये लिखी गयी है.. और इसकी शुरुआत हुई अंकित शुक्ला  के एक पोस्ट पर किये गए कमेन्ट से.. तो आप भी आनंद लीजिए #नए_दौर_के_उपमान का (बिना, ओरिजनल से कम्पेयर किये.. वो तो लिजेंड है)

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तुम बढती चढ़ती डॉलर सी,
मैं समर्थन मूल्य सा मंद प्रिये
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तुम RAS को कोचिंग हो,
मैं एलडीसी की गाइड प्रिये
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तुम अमित शाह सी कुटिल,
मैं भोला भाला पप्पू हूँ
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तुम मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनित
मैं निर्वासित कश्मीरी हूँ
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तुम चतुर खिलाडी अरविन्द सी,
मैं विश्वास अनाड़ी हूँ

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तुम पेट्रोल सरीखी इतराती,
मैं बाज़ार की मंदी हूँ.

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तुम सलमान सरीखी मुजरिम हो
मैं आसाराम की बेल प्रिये

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तुम विजय माल्या सी हो डिफाल्ट
मैं हूँ किसान का लोन प्रिये!!

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तुम अंडरटेकर सी विराट
मैं हुआ डोप में फेल प्रिये.

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तुम अंडरटेकर सी विराट
मैं हुआ डोप में फेल प्रिये.

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तुम दौड़ो मेट्रो सी सरपट
मैं धक्का स्टार्ट लो फ्लोर प्रिये!!

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तुम कृष्ण जन्म हो प्राण प्रिये
मैं भीष्म पितामह की शर शैय्या
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तुम सावन की मस्त फुहारों सी,
मैं जेठ माह की धुप प्रिये!!
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तुम एमबीए हो आईआईएम से,
मैं संस्कार से बी.एड प्रिये!!

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तुम वाकपटु मोदी जैसी,
मैं मनमोहन का मौन प्रिये!!


(Series Continue...)



© कमल किशोर जैन (25 अगस्त, 2016)


और हाँ, साथ में ये ओरिजनल वाली भी सुनिए..

https://www.youtube.com/watch?v=oFkjtQ2eQUc
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