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कमल किशोर जैन
ये सरपट दौड़ती जिंदगी,
पीछे छूटते रिश्ते
आने वाले पड़ाव.
सब कुछ हर पल बदलता सा
जो नहीं बदला
वो तुम हो
जीवन में जहाँ थे
बस वहीँ हो..


(एक छोटी कविता)