कमल किशोर जैन
बीत चूका है वो समय

जब तुम और सुख
आते थे साथ साथ..
एक दूसरे की
गल बहियाँ  डाले..

जब खुशियाँ
ढूंढा करती थी
बहाने तेरे होने के--

अब तो लगता है

दुःख में और
तुममे कोई रिश्ता है..
जब भी ये होता है
तुम भी होती हो
यहीं कहीं
आस पास..

मेरी यादों में




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