कमल किशोर जैन

तेरी खुशबू से भीगा एक एहसास मेरे पास रखा है,
जिसमे जज्ब है तेरे बालो की खुशबू,
जिसमे जमा है तेरे जिस्म का एहसास,
ना जाने कितनी बार तुने उसे छुआ होगा,
ना मालूम कितने बरस वो तेरे हसीं बालो को संभाले रहा...
उसी की बदोलत मैं हर पल तेरे साथ होने का एहसास रखता हूँ,
उसे अपने सीने पे रख कर तेरी गर्म सांसो को महसूस करता हूँ,







... कभी समय मिले तो सम्भाल लेना,
तुम्हारा क्ल्चर अब भी मेरे बुतखाने में रखा है॥ 



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